हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया हमदान के प्रसिद्ध शिक्षक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अली निज़ामी ने कहा है कि दर्से अखलाक केवल सिद्धांतों को सीखने के बारे में नहीं है, बल्कि यह छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण, आध्यात्मिक उत्थान और दैनिक जीवन में नैतिक सिद्धांतों को अपनाने का सबसे अच्छा साधन है।
हौजा न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को हर परिस्थिति में अपनी आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाने का प्रयास करते रहना चाहिए, क्योंकि उनकी जिम्मेदारी आम लोगों से कहीं अधिक गंभीर है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एक विद्यार्थी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह आत्म-अनुशासन, तक़वा और अल्लाह के साथ संबंध को अपने जीवन का केंद्र बनाए।
हुज्जतुल इस्लाम निजामी ने कहा कि इमाम खुमैनी की पुस्तक ‘असरार उस सलात’ और दिवंगत फैज काशानी की रचनाएं प्रत्येक छात्र के लिए मूल्यवान संपत्ति हैं, जो उन्हें नमाज़ की वास्तविकता और इसकी आध्यात्मिक गहराई के बारे में बताती हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे नियमित रूप से दर्से अख़लाक़ में भाग लें तथा नैतिक शिक्षकों के साथ निरंतर संपर्क में रहें, क्योंकि यह संबंध उनके आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अंत में उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सदैव ईश्वर के स्मरण में लगे रहना चाहिए, चाहे वह वाणी के माध्यम से हो या हृदय की शांति से, क्योंकि यह स्मरण ही है जो उनके हृदय को जीवंत तथा उनकी आत्मा को ताजा रखता है।
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